प्रणय लाली से होठों को रंग दो प्रियतम अब तक इन्हें मैनें । प्रणय लाली से होठों को रंग दो प्रियतम अब तक इन्हें मैनें ।
तुम बिन नीरस जीवन पथ था, इस जीवन की तुम मुस्कान प्रिये। तुम बिन नीरस जीवन पथ था, इस जीवन की तुम मुस्कान प्रिये।
न मेरे, न तुम्हारे और न हमारी ख्वाहिशों के। ये बच्चे तो हैं बस अपनी फरमाइशों के। न मेरे, न तुम्हारे और न हमारी ख्वाहिशों के। ये बच्चे तो हैं बस अपनी फरमाइशों ...
हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....! हरगोविंद जाग अब, कर अब ही तू जो नहीं कर पाया.....!
इस कविता में मैंने "प्रेम" को कुछ पंक्तियों द्वारा दर्शाया है | इस कविता में मैंने "प्रेम" को कुछ पंक्तियों द्वारा दर्शाया है |